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Friday, June 26, 2020

अधूरा/ Aadhura

This poem written on love, remembrance and pathos.






अधूरा


हमारी भी एक कहानी थी
हमारी भी एक कहानी थी
प्यार की,

ओ एक समय था 
ओ एक समय था 
जीनेका,

हमारा भी दिल धड़क ता था,
दूर सम्मंदर डूबके हम दोनों भी
हजारो सपने शेयर करते थे।

ओ एक समय था प्यार का।
ओ एक समय था जिनेका।

आज भी में  बैठा हूं सम्मंदर के किनारे पे
लहरों के साथ रोता हूं उसकी प्रेम की याद में,

लहरों के साथ रोता हूं उसकी प्रेम की याद में।

कैसा सबकुछ, क्या हुआ
में तो रह गया जैसा था।

केवल ओ हि नहीं रहा,
केवल वह बदल गया।
   

totons@24/06/20

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