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Monday, August 9, 2021

मजबूरी

 (शायरी)

~Tapas Sarkar

उससे अब इतनी बात नहीं होती

पहले जैसी होती थी।।

उसकी अब बस याद आती है मजबूरी में, 

क्योंकि दर्द को सहना उसने ही सिखाया

और मजबूर होना भी।।


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